top of page
Post: Blog2_Post

आप भटकना मत


लोभों के झोंके, मोहों के झोंके, नामवरी के झोंके, यश के झोंके, दबाव के झोंके ऐसे हैं कि आदमी को लंबी राह पर चलने के लिए मजबूर कर देते हैं और कहाँ से कहाँ घसीट ले जाते हैं। हमको भी घसीट ले गए होते।ये सामान्य आदमियों को घसीट ले जाते हैं। बहुत से व्यक्तियों में जो सिद्धान्तवाद की राह पर चले इन्हीं के कारण भटक कर कहाँ से कहाँ जा पहुंचे।आप भटकना मत। आपको जब कभी भटकन आए तो आप अपने उस दिन की, उस समय की मनःस्थिति को याद कर लेना, जबकि आपके भीतर से श्रद्धा का एक अंकुर उगा था। उसी बात को याद रखना कि परिश्रम करने के प्रति जो हमारी उमंग और तरंग होनी चाहिए, उसमें कमी तो नहीं आ रही।


हारिए न हिम्मत

-पंडित श्रीराम शर्मा आचार्या


Comments


©2020 by DIYA (Youth wing of AWGP). 

bottom of page