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अन्तःकरण के धन को ढूँढो


तुम्हें अपने मन को सदा कार्य में लगाए रखना होगा। इसे बेकार न रहने दो। जीवन को गम्भीरता के साथ बिताओ। तुम्हारे सामने आत्मोन्नति का महान कार्य है और पास में समय थोड़ा है। यदि अपने को असावधानी के साथ भटकने दोगे तो तुम्हें शोक करना होगा और इससे भी बुरी स्थिति को प्राप्त होगे।धैर्य और आशा रखो तो शीघ्र ही जीवन की समस्त स्थिति का सामना करने की योग्यता तुममें आ जाएगी।अपने बल पर खड़े होओ। यदि आवश्यक हो तो समस्त संसार को चुनौती दे दो। परिणाम में तुम्हारी हानि नहीं हो सकती। तुम केवल सबसे महान से संतुष्ट रहो। दूसरे भौतिक धन की खोज करते हैं और तुम अन्तःकरण के धन को ढूँढ़ो।


हारिए न हिम्मत

-पंडित श्रीराम शर्मा आचार्या



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